15.

भले मैं तुझसे दूर रहता हूँ

अपने दुःख-सुख जरूर कहता हूँ

तुझसे कहे बिना रहा नहीं जाता

दु:ख इतनें बड़े हैं, अकेले सहा नहीं जाता


फ़ोन पर ही तेरी ममता पा लेता हूँ

अपने हाथों से ही अब खा लेता हूँ

कमज़ोर तो हो गया हूँ

क्या करूँ? पढ़ाई में खो गया हूँ


तुझसे मिलने का मन है मेरा

सदा साथ रहेंगे, अब आएगा वो सवेरा? 

अब मुझसे इंतज़ार नहीं होता है

तुझे छोड़कर किसी और से प्यार नहीं होता है


तेरे हां कहने से, आज ही आ जाऊँगा

जो भी रोकेंगे मुझे, मैं सबको समझाऊँगा

बस तेरे हां कहने की देर है

अन्यथा तरीके तो ढ़ेर हैं


© Niraj Yadav 🇮🇳

(Motihari: Bihar)

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