8.
नागालैंड में बैठकर कौई,
खत लिख रहा है।
उसका मन उदास है आज,
यह साफ़ - साफ़ दिख रहा है।
रात को नींद नहीं आती है उसे,
यह अपने माँ को बता रहा है।
एक दिन सफल जरुर होगा,
यह अपने पिता को छत रहा है।
उसका सारा बचपन बीत गया,
उनसे दूर रहकर।
अपने जीवन को काट रहा है,
दुःख और सुख सहकर।
कहता है कि आऊंगा छुट्टियों में,
और खाऊंगा माँ के हाथों से खाना।
अईठा बहुत पसंद है उसे,
कहता है भाई को ख़रीद कर लाना।
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