13.

माँ तुझसे मिलकर

मेरा मन खिल उठा

सदा मुझे मनाया है

जब - जब मैं रूठा


रूठकर आया हूँ

फिर मुझे मना ले मना ले न माँ

दर्द बहुत मिला है मुझे

अपने सिने से लगा ले न माँ


माँ तेरी ममता

मेरे दर्द का मरहम है

तेरे साथ नहीं रहता

इसी बात का तो ग़म है


ये क्या माँ ? 

तेरे आँखों से आँसू बह रही है

और तु है कि मुझे

खुश रहने को कह रही है ? 


मेरे खातिर एक बार

मुस्कुरा दो न माँ

. ............... 

. ............... 


©Niraj Yadav🇮🇳

(Bhopatpur Nayakatola, Motihari: Bihar)

Comments

Popular posts from this blog

21.माई मोरी याद करत होइहें हो