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Showing posts from August, 2023

15.

भले मैं तुझसे दूर रहता हूँ अपने दुःख-सुख जरूर कहता हूँ तुझसे कहे बिना रहा नहीं जाता दु:ख इतनें बड़े हैं, अकेले सहा नहीं जाता फ़ोन पर ही तेरी ममता पा लेता हूँ अपने हाथों से ही अब खा लेता हूँ कमज़ोर तो हो गया हूँ क्या करूँ? पढ़ाई में खो गया हूँ तुझसे मिलने का मन है मेरा सदा साथ रहेंगे, अब आएगा वो सवेरा?  अब मुझसे इंतज़ार नहीं होता है तुझे छोड़कर किसी और से प्यार नहीं होता है तेरे हां कहने से, आज ही आ जाऊँगा जो भी रोकेंगे मुझे, मैं सबको समझाऊँगा बस तेरे हां कहने की देर है अन्यथा तरीके तो ढ़ेर हैं © Niraj Yadav 🇮🇳 (Motihari: Bihar)

14.

माँ तेरे चरणों को छुकर,  मैं सदा प्रणाम करता हूँ। सुबह और शाम तेरा,  और बापू का नाम जपता हूँ। तुझमें ही मैंने सभी,  देवियों का रूप देखा है। मेरे बापू के चमड़े को,  जलाने वाला धूप देखा है। माँ तेरे ममता से ज़्यादा,  कोई महान नहीं हो सकता। आप लोग के उपस्थिति में कोई दूसरा भगवान नहीं हो सकता। यह मेरा सौभाग्य है,  कि मैं आपका बेटा हूँ। ना जाने कितने वर्षों बाद,  आज तेरी गोद में लेटा हूँ। आपका स्नेह मुझे,  हमेशा मिलता रहे। यूँ ही हमारा परिवार,  खुशियों से खिलता रहे। ©Niraj Yadav 🇮🇳 (Bhopatpur Nayakatola, Motihari: Bihar)

13.

माँ तुझसे मिलकर मेरा मन खिल उठा सदा मुझे मनाया है जब - जब मैं रूठा रूठकर आया हूँ फिर मुझे मना ले मना ले न माँ दर्द बहुत मिला है मुझे अपने सिने से लगा ले न माँ माँ तेरी ममता मेरे दर्द का मरहम है तेरे साथ नहीं रहता इसी बात का तो ग़म है ये क्या माँ ?  तेरे आँखों से आँसू बह रही है और तु है कि मुझे खुश रहने को कह रही है ?  मेरे खातिर एक बार मुस्कुरा दो न माँ . ...............  . ...............  ©Niraj Yadav🇮🇳 (Bhopatpur Nayakatola, Motihari: Bihar)

12. तेरा प्यार कहीं न पाया माँ

*तेरा प्यार कहीं न पाया माँ* कभी सोचता हूँ अक्सर बैठ के, क्यों तुझसे दूर आया माँ ? गाँव की गमक, क्यों न मुझको भाया माँ ? ऐसा क्या था शहर में? कि मैं शहर की ओर कदम बढ़ाया  माँ ? जब मैं गाँव को दिल से निकाला था, क्यों न मुझको मारा?क्यों न समझाया माँ ? *‘शहर'* केवल एक भीड़ है, उस भीड़ ने अकेलेपन का महसूस कराया माँ। माँ, तेरे प्यार का कोई मोल नहीं, लोगों की क्रुरता ने मुझे सिखाया माँ। तेरी ममता की खातिर, देख मैं लौट आया माँ । बड़ी ज़ोर से भूख लगी है, बता, तुने क्या बनाया माँ ? अपने हाथों से ही खिला दे मुझे, लगता है सालों से कुछ न खाया माँ। दुनिया बहुत घूम ली मैंने, मगर तेरा प्यार कहीं न पाया माँ। _______________________ © नीरज यादव ( भोपतपुर नयकाटोला, मोतिहारी: बिहार)

11.

तुझे छोड़, मैं कितना दूर चला आया हूँ, न जाने मैं तुझे कितना रूलाया हूँ। अब और नहीं रहा जाता तुझसे दूर माँ, इस सर्दी की छुट्टी में आऊंगा ज़रूर माँ। बता तेरे लिए क्या लाऊँ माँ? कैसे मैं खाली हाथ आऊँ माँ? तेरे लिए कुछ शब्द चुनकर रखा हूँ, हां माँ, तुझपर कविता बुनकर रखा हूँ।

10.

बहुत इंतज़ार किया, अब और नहीं होता है। जब तेरी याद आती है माँ, तो मन मेरा बहुत रोता है। मन करता है चले आऊँ, तुरंत तेरे पास। और बैठकर करूं, बातें कुछ खास। सुनू मैं लोरी और, सो जाऊँ तेरी गोद में। तू मेरी साथ रहे सदा। यही करता अनुरोध मैं। वक्त ने बहुत सताया है हमें, यह वक्त बड़ा कठोर है। बहुत इंतज़ार किया माँ, अब चार साल और है।

9. मैं नागालैंड, वे हैं बिहार में

मैं नागालैंड, वे हैं बिहार में। हम में दूरियाँ तो बहुत हो गई। कर ही क्या सकते थे, हमारी मजबूरियाँ बहुत हो गई। सब कुछ ठीक कर देना, यह हमारे हाथ में नहीं था। शायद हमारा ही किस्मत, हमारे साथ में नहीं था। ऐ‌सा नहीं कि, हमने कोशिश नहीं की। जिससे स्थिति और ना बिगड़े, बस हमने वही की।

8.

नागालैंड में बैठकर कौई, खत लिख रहा है। उसका मन उदास है आज, यह साफ़ - साफ़ दिख रहा है। रात को नींद नहीं आती है उसे, यह अपने माँ को बता रहा है। एक दिन सफल जरुर होगा, यह अपने पिता को छत रहा है। उसका सारा बचपन बीत गया, उनसे दूर रहकर। अपने जीवन को काट रहा है, दुःख और सुख सहकर। कहता है कि आऊंगा छुट्टियों में, और खाऊंगा माँ के हाथों से खाना। अईठा बहुत पसंद है उसे, कहता है भाई को ख़रीद कर लाना।

7. वही सबसे बड़ा महान है

  माँ हमारी भगवान है। माँ ही हमारी बाइबिल, गीता और कुरान है। जो सच्ची  सेवा करे उनकी, वही सबसे बड़ा महान है। माँ ही हमारी पहली भूगोल, गणित और विज्ञान है। हम तारे बनकर चमकते हैं जिनमें, माँ वो आसमान है। जो माँ की चरण हमेशा स्पर्श करे, वही सबसे बड़ा महान है। माँ हमारी छोटी-सी दिल मे पूरा जहान है। माँ ही हमारी निशा और बिहान है। जो माँ को अपने दिल मे बसा ले, वही सबसे बड़ा महान है। माँ ही तो हमारे लिए, क़ीमती वरदान है। माँ की सेवा करना यही तो सबसे बड़ा ज्ञान है। जो माँ को हमेशा खुश रखे, वही सबसे बड़ा महान है।

6. माँ से ही दुनियाँ महान होती है

  माँ बच्चों की प्राण होती है। माँ ही हमारी ज्ञान की ज्योती है। माँ ही है सबसे सर्वश्रेष्ठ, माँ से ही दुनियाँ महान होती है। माँ बिना पूरा जहान रोती है। माँ को छोड़कर मंदिरों मे क्यो पूजा-पाठ होती?  माँ कोई देवियों से कम नहीं, तो माँ हमेशा क्यों अपमान होती है?  माँ से ही निशा और बिहान होती है। माँ से ही हमारी जिंदगी मे उड़ान होती है। माँ सब कुछ है हमारे लिए, माँ से ही दुनियाँ महान होती है। माँ से ही हमारी पहचान होती है। हमारी सफलता मे माँ की योगदान होती हैं। माँ से ही तो हम सब कुछ सिखते हैं,  माँ से ही दुनियाँ महान होती है।

5. माँ

 माँ, अगर तेरी डांंट ना पड़ी होती मुझे, तो शायद आज मैं ज़िंदगी के लिए तैयार नहीं होता। माँ, अगर ये लॉकडाउन ना लगी होती, तो मैं कब का आ गया होता, अब और इंतज़ार नहीं होता। माँ अगर तेरी दुआ ना होती मुझ पर, तो शायद आज मेरे सपने साकार नहीं होते। भले मेरे चेहरे मुस्कुराते हो, लेकिन मेरा दिल थक गया है रोते-रोते। दो साल होने को है, तुझसे मिला नहीं, तुझसे दूर रहकर अब एक और दिन भी पार नहीं होता। माँ, अगर ये लॉकडाउन ना लगी होती, तो आज ही चला आता, अब और इंतज़ार नहीं होता।

4. Crave for mother

 Since it's every child's wish, To rest on their mother's lap. Knowingly I'm staying far away, Because our society asks education. Everyday I crave to sleep on your lap. Everyday I crave to eat from your hands. Everyday I crave to get your scolds. Everyday I crave to see your face. Hardly for few days, I stay with you, And the whole year alone. I always count the dates, When will I return back home.

3. माँ का प्यार

 माँ का प्यार तने मुझको इतना दुलारा,  हूँ मैं तेरा सबसे प्यारा। भूखे पेट कभी तुने सोने नहीं दिया मुझको,  ख़ुद आँसू बहा ली मगर रोने नहीं दिया मुझको। सदा तुने काला टीका लगाया,  बुरी नज़रों से तुने मुझे बचाया। और आज मैं तुझसे कई कोस दूर हूँ,  ऐ माँ! मैं बहुत मजबूर हूँ। सर्दियों की छुट्टी में तेरे पास आऊंगा माँ,  तेरे हाथों के पकवान फिर खाऊंगा माँ। तेरे आंचल में लिपटकर सो जाऊंगा माँ,  बचपन की कहानियों में फिर खो जाऊंगा माँ। मन नहीं करेगा फिर तुझे छोड़कर जाने को,  मेरे हाथों की जली रोटियां फिर तोड़कर खाने को। फिर अगले छुट्टी का इंतज़ार करता रहूँगा,  वहीं से तुझे माँ प्यार करता रहूँगा। ©Niraj Yadav (Bhopatpur Nayakatola, Motihari: Bihar)

2. बचपन की कहानी सुनाओ ना...

 बचपन की कहानी सुनाओ ना... माँ मेरे... बचपन की कहानी फिर से सुनाओ ना...  ‘तू मेरा लाडला है’ कहकर,  फिर से बुलाओ ना...  माँ मेरे... बचपन की कहानी फिर से सुनाओ ना...  आया हूँ कई वर्षों बाद अपने हाथों से खिलाओ ना...  शैतानी करूँ तो मुझे,  थोड़ा डांट भी लगाओ ना...  माँ मेरे... बचपन की कहानी फिर से सुनाओ ना...  भटकूँ ना अपने मंजिल से इसके लिए ठीक से मुझे समझाओ ना...  गर भटक जाऊँ तो मुझे सही राह दिखलाओ ना...  माँ मेरे... बचपन की कहानी फिर से सुनाओ ना...  जो तू कहा करती थी मेरे बचपन में उसको फिर से दोहराओ ना...  माँ मेरे... बचपन की कहानी फिर से सुनाओ ना...  © Niraj Yadav 🇮🇳 (Bhopatpur Nayakatola, Motihari: Bihar)

1. माँ के चेहरे पर

 माँ के चेहरे पर ना ही मैं धन - दौलत  और मकान चाहता हूँ। बस मेरे माँ के चेहरे पर,  एक मुस्कान चाहता हूँ। चाहता हूँ कि सदा,  वह मुस्कुराती रहे। मेरी हर गलतियों पर सदा,  वह मुझे समझाती रहे। चाहता हूँ कि सदा,  वह मुझे डाँटती रहे। अपनी हाथों से सदा,  वह मुझे खिलाती रहे। माँ की प्यार - दुलार में,  मैं डूब जाना चाहता हूँ। माँ की ममता पर,  मैं ख़ूब गाना चाहता हूँ। ना ही मैं धन - दौलत और मकान चाहता हूँ। बस मेरे माँ के चेहरे पर,  एक मुस्कान चाहता हूँ। © Niraj Yadav 🇮🇳 (Bhopatpur Nayakatola, Motihari : Bihar)